
पूछता है मुझसे बेटा सहीद का |
आजाद भारत में क्या यही मेरा नसीब था ||
पूछता है मुझसे वो टुकड़ा जमीन का |
जिस पे आज तक कब्ज़ा है पाक और चीन का ||
क्या जवाब दू मै.......
क्यों तुमने तोल दिया सहिदो को दस-दस लाखो मे |
भरी थे जो दुसमन की सॊ सॊ लासॊ से |
गैर मुल्क का झंडा क्यों सरेआम कोई फरा गया |
क्यों सिवाजी पार्क में सहीद स्मारक गिरा गया ||
क्या जवाब दू मै.......
क्यों उधम को आज आता नहीं जोश है |
क्यों मदन लाल डीगरा की पिस्तौल खमॊश है |
क्यों बन गई सरकार निक्कमी है |
क्यों अर्जुन बन गया खुद सिखंडी है ||
क्या जवाब दू मै.......
गुरुगोविन्द के सिंह जो सवा लाख पे भरी थे |
क्यों लग गए आज गिदद्दॊ की पहरेदारी मे |
सविधान के पवन मंदीर में हो रही क्यों नोटंकी है |
कैसे चले आते है संसद , ताज तक आतंकी है ||
क्या जवाब दू मै.......
कहा छुपाये राणा के भालो को |
कैसे भूल गए हम सिवाजी वाली चालो को |
क्यों चंद वरदायी आज नहीं गाता है |
मान बेच कर मानसिंह सम्मान पाता है ||
लेकिन तुम दे सकते हो जवाब ...
कल लाल किले की प्राचीरो से |
सिंह हो ,सिंह हो दहाड़ो वीरो से |
बता दो विश्व को अहिंसा , सहनशीलता का अध्याय खत्म अब होता है |
अब सबक आत्मसम्मान का पढाया जायेगा |
मोहमद गोरी और डायर का अंजाम दोराहाया जायेगा ||
एक इशारा काफी है ..........
कराची को समसान हम कर देगे |
बीजींग खुद भागेगा ऐसा इंतजाम कर देगे ||