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मोहब्बत में दीवानगी है या है वहम् मेरा |
दीवार मेरी आइना मेरा है और अक्स तेरा |
नहीं समझ पाया आज तलक बात इतने सी
क्यों दर्द मेरे दिल में होता है जो बहता ही अश्क़ तेरा |
बेकरारी सी होती है और बढ़ जाती है धड़कने ,
जब कभी कही होता है जिक्र तेरा |
यो तो हर दवा हर इलाज कर चुका हु ,
पर उतरता ही नहीं,नजरो से चढ़ा नशा तेरा |
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