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जात पात में क्या रखा है ?

लड़ो देश की खातिर तुम, जात पात में क्या रखा है ?

मिले तो भारत माँ की गोद मिले, स्वर्ग में क्या रखा है ?

पूछो उन सूरवीरों से ,

छलनी हो कर भी जो तिरो से ,

तिरंगा झुकने नहीं देते है,

घाव उनके बदन के कहते है,

मौत सम्मान की बेहतर, कायरता से जीने में क्या रखा है ?

लड़ो देश की खातिर तुम, जात पात में क्या रखा है ?

मिले तो भारत माँ की गोद मिले, स्वर्ग में क्या रखा है ?

झूल गया था भगत सिंह क्यों फाँसी पर,

क्यों लक्ष्मी बाई कुर्बान हुई झांसी पर,

देश की खातिर पन्ना ने क्या कुर्बान किया,

क्यों राणा ने महलो का त्याग किया ,

घास की रोटी खाई मान से, गुलामी के पकवानों में क्या रखा है ?

लड़ो देश की खातिर तुम, जात पात में क्या रखा है ?

मिले तो भारत माँ की गोद मिले, स्वर्ग में क्या रखा है ?

सोलह सोलह दिन के उपवास से,

खतरे में आती  सासो से ,

ये जात पात परेसान करे,

बापू भाईचारे का आवाहन करे ,

बंद करो मुट्ठी, खुली हतेली में क्या रखा है ?

लड़ो देश की खातिर तुम, जात पात में क्या रखा है ?

मिले तो भारत माँ की गोद मिले, स्वर्ग में क्या रखा है ?

जब जब मातृभूमी हुक्कार लगाती है ,

जफ़र की जवानी लौट आती है,

उधम सालो मीलो को पार करे ,

जुल्मी पे उसके घर में वार करे,

ज्वाला मुखी बन जाओ, खड़ी चट्टानों में क्या रखा है ?

लड़ो देश की खातिर तुम, जात पात में क्या रखा है ?

मिले तो भारत माँ की गोद मिले, स्वर्ग में क्या रखा है ?

अब्दुल कलाम के सर्जन में,

वीर सुभाष के गर्जन में ,

"दिल्ली चलो" के नारो से,

गोविन्द के पञ्च प्यारो से,

राष्ट्र प्रेम का अमृत बहता है, जात पात के विष तालाबो में क्या रखा है ?

लड़ो देश की खातिर तुम, जात पात में क्या रखा है ?

मिले तो भारत माँ की गोद मिले, स्वर्ग में क्या रखा है ?

© 2016b by me and me

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