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दर्द तो दिल मे है क्यों नम होती है आँखे |
तुम तो हो नहीं फिर क्यों सताती है यादे |
दीप जला के रोसन हो जायेगा जंहा,
दिल का अँधेरा दूर करने जाये कहाँ |
बड़ी मशक्क़त से सभाला था दिल को अपने,
फिर हिला गए ये दीपावली के पटाखे |
दर्द तो दिल मे है क्यों नम होती है आँखे |
तुम तो हो नहीं फिर क्यों सताती है यादे |
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